जिला ललितपुर, गांव बैरबारा में छह आदमी टीबी की बिमारी से पीड़ित हे। आदमियन को आरोप हे के सरकारी दवाई एसी दई जा रई जिने खाबे के बाद चक्कर आत। चार आदमियन ने तो सरकारी दवाई छोड़ के नौ गांव से इलाज शुरू करबा लओ।
प्रकाश ने बताई के हमे करीब आठ साल हो गई। हमे खून गिरो तो लोथरा के लोथरा ठण्डन में चार बजे के टेम पे हमने अपने घर वालिन को बताई नइ हती के सब घबरा जेहे। सबेरे देखो जब सबने तो पूछी के जो खून का से आओ फिर हमने बताई उन ने साफ करो। और हमाय भज्जा ने कोऊ से रुपईया मांग के हमे नौ गांव लिबा ले गये
मनखुशी ने बताई के खांसी आत केवल सूखी न कफ आत न खून बस सूखी खांसी आत। सरकारी में गये उते से आराम नई परो उते की दवाई खात तो हाथ पाओ कपन लगत।
मनोहर ने बताई के इतनी गर्मी बढ़ जात के जा लगत के भग जाबे बाहर नहा लेबे इतनी परेशानी हो जात के का बताय। अब गर्मी आ जे सो मुश्किल दिखाने।
राम सहाय मनोहर के भज्जा ने बताई के इनको इलाज चार साल से चल रओ महरौनी स्वास्थ केंद्र में इन्हें कबहु आराम मिल जात और कबहु नइ मिलत। जो डॉक्टर बहार से आय उनसे इनको इलाज चल रओ। इनको गर्मी भोत बढ़ जात और इनकी ऊँगली टेड़ी हो जाती रोटी भी नइ खा पात।
उत्तम आशा ने बताई के हमाय ते टीबी की बीमारी के मरीज सात हते लेकिन छह आदमियन को इलाज भओ सबने एक एक साल दवाई खाई सब ठीक हो गये। एक ने छह महीना खाई और बो खतम हो गओ। महरौनी स्वास्थ केंद्र में होत।
डाक्टर राजेश वर्मा ने बताई के दस सालन से चल रओ टीबी को इलाज और सौ प्रतिशत आदमियन को फायदा होत और ठीक हो जात। गांव में जो आदमी अपनों धन और समय बर्बाद करत नौ गांव में तो उन्हें इते भेजो। बैसे टीबी की बीमारी के मरीज आशा लेके आती जब उन्हें आशा पूरी दवाई खबा देती तो बाको उन्हें मानदेय भी मिलत।
रिपोर्टर- राजकुमारी
Published on Feb 3, 2017