बेरोजगारी की मार से युवा पीढ़ी परेशान है। वही कम सुविधा और संसाधन प्राप्त लड़कियां तो बेरोजगारी से इस तरह प्रभावित हैं। ललितपुर जिले के बिरधा ब्लाक के पाली नगर पंचायत में हमनें लड़कियों से बात की बेरोजगारी पर और जानी उनकी परेशानी।
रानी ने बताया कि हर लड़की सोचती है पढ़ लिखकर वह कुछ काम करे। यदि वो पढ़ भी लेती है तो आर्थिक समस्या से परेशान होकर नौकरी का फ़ार्म व आने जाने की वजह से आर्थिक समस्या बढ़ जाती हैं। चुनाव से पहले मोदी जी बड़े-बड़े वादे किये है कि हम स्कूल बनवायेगें और बेरोजगार को रोजगार देंगें। चुनाव जीतने के बाद, वो हाल है, कहते है कि “अपना काम बनता, तो भाड़ में जाये जनता” ।
गुलाबबाई का कहना है कि काम नहीं मिल रहा है, इतनी पढ़ी लिखी भी हैं उसके बाद भी कोई नौकरी नहीं मिल रही है। बनी मजदूरी करके पढ़ा लिखा रहें हैं, कि कुछ काम करके अपना भविष्य सुधार लेंगे, उसके बाद भी इधर उधर भटक रहे हैं, लेकिन कोई नौकरी नहीं मिल रही है, फार्म भी भर रही हैं।
वर्षा ने बताया कि जो परिवार पैसा वाला है वो ही आगे बढ़ पाता है, लेकिन जो परिवार गरीब हैं वो नीचे ही दब के रह जाते हैं। उनके लिए सरकार कोई मदद नहीं भेज रही है। अगर भेजती भी है, तो हम लोगों को जल्दी पता नहीं चल पाता है।
पूजा ने बताया कि कोई नौकरी निकलती हैं, तो उसकी जानकारी हमें देर में मिलने की वजह से हम नीचे ही रह जाते हैं। कभी आनलाइन को पैसा नहीं होता है। भाग्यवती का कहना है कि इस तरह से पढ़ा लिखा रहें हैं। एक, तो हम गरीब है हाथ में पैसा नहीं है, कि बड़े स्कूलों में पढ़ा लिखा सकें। अगर थोड़ा बहुत पढ़ लिख लेगें तो कुछ काम करके अपना परिवार चला सकेगें। सपना ने बताया कि बेरोजगारी की वजह है कि कुछ लडकियों की शादी करदी जाती है, तो ससुराल वाले नहीं पढ़ाते हैं। कहते हैं, कि पढ़ लिखकर क्या करोंगी? घर का कामकाज करों। इस लिए काफी लडकियाँ बिना पढ़ाई के बेरोजगार रह जातीं हैं।
रिपोर्टर: कल्पना
Published on May 15, 2018