जिला ललितपुर के नगर पंचायत पाली में कोई सरकरी अस्पताल नहीं है। जिस कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। लोगों को इलाज करवाने के लिए 30 किलोमीटर दूर ललितपुर जाना पड़ता है। कई बार अस्पताल जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल पाता है, जिससे प्राइवेट साधन करके मरीज को ले जाना पड़ता है।
गुड्डी ने बताया कि 30 किलोमीटर दूर ललितपुर इलाज के लिए जाना पड़ता है। यहाँ, तो कोई व्यवस्था ही नहीं है। क्या करें? कहीं रास्ते में ही बच्चा हो जाए या बच्चा को कुछ हो जाय, तो हम क्या करें? इसलिए ललितपुर ले जाते हैं। यहाँ कोई साधन जल्दी नहीं मिलते है प्राइवेट साधन करें, तो तीन हजार या चार हजार में जाते है गाड़ी वाले नहीं, तो जाते ही नहीं हैं। हम इतने पैसे वाले नहीं हैं कि इतनी महंगी गाड़ी करके जायेगें। साधन का इन्तजार करना पड़ता है। कोमलबाई ने बताया कि बहुत सी घटना पैसा ना होने के कारण भी हो चुकी हैं। इसी तरह मेरा बेटा और मेरे देवर की मौत हो गई है। मैं पैर से लगड़ी हूँ पैसा होता, तो इलाज करा लेती। काहे जमीन में बैठे-बैठे खिसकती चलती। खाने को है नहीं, तो लोग दवा कहाँ से कराएं? राम ने बताया कि यहाँ की आबादी लगभग 12 हजार के आसपास है, लेकिन उसके बाद भी यहाँ अस्पताल नहीं है। अगर यहाँ अस्पताल हो जायेगा, तो लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा और समय से इलाज हो सकेगा। अस्पताल होने के बाद लोगों को मरते हुए लोगों को बचाने का प्रयास किया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर प्रताप सिंह का कहना है कि जल्दी ही अस्पताल खुलने के लिए मैंने फार्म डाल दिया है। वहां के ग्रामवासी ढ़ाई एकड़ जमीन दान में देने के लिए बोले है। जैसे ही शासन से अनुमति और बजट मिल जाएगा, तो जल्दी ही काम शुरू करवा दिया जायेगा।
रिपोर्टर: कल्पना
Published on Jun 1, 2018