जिला ललितपुर, गांव जगारा सरकारी स्कूल की हालत बोहतई बुरी हे जा स्कूल के बने अबे चार साल भये। स्कूल की खराब हालत के लाने शिक्षिका को सस्पेंट भी करो जा चुको। आखिर काय इतनी लापरवाही हो रई सरकारी स्कूलन में। जासे के जब बनबा के दुबारा अधकारी देखबे भी नइ जात के का हो रओ न उनकी जांच होत के कैसे चल रए विद्यालय।जिला ललितपुर, गांव जगारा जगारा गांव के सरकारी स्कूल की हालत बोहतई बुरी हे जा स्कूल के बने अबे चार साल भये। स्कूल की खराब हालत के लाने शिक्षिका को सस्पेंट भी करो जा चुको। आखिर काय इतनी लापरवाही हो रई सरकारी स्कूलन में। जासे के जब बनबा के दुबारा अधकारी देखबे भी नइ जात के का हो रओ न उनकी जांच होत के कैसे चल रए विद्यालय। पूरन यादव ने बताई के अबे तक कोनऊ कारवाही नइ करी काय के कोनऊ सुनवाई नइ होत जब करत। स्कूल तो रोज खुलत समय से लेकिन पढ़ाई नइ होत काय के जब बाप मताई ही शिक्षित नइया तो बच्चन को पढ़ा रओ। आरती शिक्षिका ने बताई के दूसरे जने चार्ज लये ते और हम नये नये आय ते बाउंड्री को काम चल रओ तो कक्षा में सामान रखो तो जई से सस्पेंट कर दओ तो। पांच छह महिना रए ते मार्च में फिर से अपने काम पे आ गये। एक तो हम अकेले शिक्षक हे और ओरत हे पैतीस किलो मीटर दूर से आत। एक दो और शिक्षक होते तो व्यवस्था सुधारे। पृथ्वीराज निरंजन प्रधानाध्यापक ने बताई के हैण्डपम्प के लाने में भी हम ओरन ने केऊ बार कई कोऊ नइ सुन रओ। प्रधान से कओ सो कत के का अपने रुपइया से लगवा देबे। हर मीटिंग में प्रस्ताव देत के हमाओ फ़र्स खराब हे रसोई गैस नइया सो कत के हो जेहे धीरे धीरे। योगेन्द्रनाथ बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताई अबे हमने नाओ कार्यभार संभालो। एसे स्कूलन की सूची मगाई हे जो जरजर हे जिते बच्चन को बैठबे के लाने फ़र्स नइया। सूची के आधार पे मरम्त कराई जेहे। और जिते नये बन ने हुए उते निर्माण करो जेहे। और जो शिक्षक समय से नइ जा रए या पढ़ाई नइ कर रए उनकी जांच कराई जेहे और वेतन रोकी जेहे।
रिपोर्टर- राजकुमारी
Published on Jul 20, 2017