कहते हैं इरादे मजबूत हों तो हर बड़ी मुश्किल इन्सान के प्रयासों के आगे घुटने टेक देती है ऐसा ही कुछ ललितपुर में रहने वाले गोकुल के साथ भी हुआ है। गोकुल बचपन से ही अपंग हैं लेकिन उनके जीवन जीने के प्रयासों ने उनकी अपंगता को हर दिन हारता पाया है।
जी हाँ, जब दिल में आसमां छू लेने की तमन्ना हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। ऐसा ही जज्बा दिखाया है ललितपुर जिले के जाखलौन गाँव के गोकुल कुशवाह ने।
गोकुल के बचपन से ही दोनों हाथ नहीं हैं लेकिन गोकुल ने इसे कभी अपनी जिंदगी में रोड़ा नहीं बनने दिया।
गोकुल 20 साल के हैं और बचपन से ही अपना हर काम करते आ रहे हैं। अपने बारे में बताते हुए गोकुल कहते हैं, मैं सारे काम कर लेता हूँ, पानी भी भर लेता हूँ, साईकिल भी चला लेता हूँ। माँ कुछ कामों में मदद करती हैं लेकिन ज्यादातर काम में खुद ही कर लेता हूँ।
लोग अपने हाथों से नहीं लिख पढ़ पाते लेकिन गोकुल अपने पैरों से बड़ी ही तेज़ी से लिख लेते हैं। गोकुल की आत्मशक्ति इतनी प्रबल है कि उन्हें हर काम करने की प्रेरणा खुद से ही मिलती है।
ऐसे बहादुर और साहसी व्यक्तित्व को खबर लहरिया का सलाम।
रिपोर्टर- कल्पना
Published on Mar 13, 2018