खबर लहरिया बुंदेलखंड ललितपुर के कुसमाड़ गाँव के स्कूल के खाने में कभी मकड़ी तो कभी पानी

ललितपुर के कुसमाड़ गाँव के स्कूल के खाने में कभी मकड़ी तो कभी पानी

जिला ललितपुर, ब्लॉक महरौनी, कुसमाड़ गांव इते के प्राईमरी स्कूल में बच्चन के खाना में कबहु मकरी तो कबहु पानी मिलत।
इते पढबे वाली वंदना और गुड़िया ने बताई के जा स्कूल में रोटी सब्जी अच्छी नई बनत.पतरी सी सब्जी ओर बरी रोटी दो दो मिलती।न पेट भरत न कछु।
रोशनी ने बताई के जब हमाई दीदी पढत ती.सो एक दिना ऊ में मकरी कड़ी ती.मास्टर से कई सो के रए ते के तुम पेड़े तरे बैठी सो गिर गई हुए।अब हम कोन खात।इते हमाय स्कूल में कबहु अच्छो खाना नई बनत।मास्टर तीन घंटा नाचवात हें।तो दो घंटा पढ़ात हें।
रसोइया रोशनी और सविता ने बताई के आज टमाटर नई हते.जासे सब्जी अच्छी नई बनी आज।रोज तो अच्छो खाना बनत।हमने मास्टर से कई ती सो बे नई लेयाय।मास्टर जी को पतो भी हतो के कल खाना बनने है। तोई नई लेयाय तो हम का करे।
हम पैले से बता भी देत के आज सब्जी नईया के आटा नईया।अब नई लेयाय तो हम का करे।हमाओ काम तो खाना बनाबे को हे सो बना देत। और बुरो लेयादे तो उसो बना देत।
23/07/2016 को प्रकाशित

आज स्कूल में दोपहर के खाने में क्या बना है?
ललितपुर के कुसमाड़ गाँव के स्कूल के खाने में कभी मकड़ी तो कभी पानी