एम्स के डॉक्टरों की टीम ने समुद्र सतह से लगभग 3300 मीटर की ऊंचाई की कड़ाक सर्दी में 112 घुटने और कूल्हे की प्रतिस्थापन ऑपरेशन किया है। तीन साल पहले बनी इस योजना की कार्ययोजन इसतरह बनी कि डॉक्टरों ने सोचा कि लद्दाख से इलाज कराने के लिए दिल्ली आना रोगी के लिए मुश्किल है, तो क्यों न वहां ही अस्थाई शिविरों में लोगों का इलाज कराया जाए। इस काम के लिए एम्स के डॉक्टरों की एक टीम अपने कम मेडिकल उपकरणों के साथ लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
एम्स में आर्थोपेडिक्स के प्रोफेसर डॉ सी. एस यादव के अनुसार एम्स लेह और कारगिल में ये शिविर लगा रहा है। इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां के लोगों को घुटनों से सम्बंधित बीमारियां अधिक होती है, पर सुविधाओं के अभाव में सभी मरीजों को दिल्ली इलाज के लिए भेजा जाता है।
यहां आने वाली चुनौतियों के बारे में प्रोफेसर डॉ सी. एस यादव कहते हैं कि यहां आप गलती नहीं कर सकते हैं, क्योंकि सीमित संसाधनों में आप यहां काम कर रहे हैं। वह आगे बताते हैं कि इतनी ऊंचाई पर काम करते हुए उल्टी आने जैसी परेशानियों होती रहती हैं, हमारे शिविर में काम करने वाले कई लोग इन समस्याओं के कारण बीमार भी हो जाते हैं।