राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के वचन ‘ समय मूल्यवान है। हमें प्रतिदिन समय का सदुपयोग करना चाहिये’।लेकिन भारतीय रेल में यात्रा करते समय आप इस विचार से दूर ही रहें। क्योंकि सर्दी की शुरुआत ही यात्रा में देरी करता है। गाड़ियों का हाल यह है कि एक बजें आने वाली गाड़ी तीन बजें आती है।जिससे यात्रियों को बहुत परेशानी होती हैं।यात्री प्रतीक्षालय भी भरे होने के कारण ठंडी में प्लेटफार्म पर रात बिताना भारी पड़ जाता हैं और शौचालय जानें के लिए भी लम्बी लाइन लगानी पड़ती हैं।
महिपाल सिंह का कहना है कि गाड़ी का समय दो बजे है। अब यह गाड़ी सात बजे आयेगी।इसलिए वापस गांव जा रहा हूँ।बस में किराया ज्यादा लगता है, गाड़ी में किराया कम लगता है। इसलिए लोग गाड़ी में सफर करते हैं।तारा का कहना है कि हमें भोपाल जाना है। गाड़ी लेट है इसलिए अब बस से जायेगें। महिपत का कहना है कि ठंडी में रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है, चाहे लोग ठंडी खाकर मर जायें।ममता ने बताया कि हम घर से चद्दर और कम्बल लेकर आते है और उसी को बिछाकर बैठते हैं।रावेन्द्र का कहना है कि हमकों सद बजें आफिस पहुंचना है तो गाड़ी लेट होने के कारण एक बजें पहुंचते है।
रिपोर्टर- श्यामकली
Published on Jan 4, 2018