यह खबर है थोड़ी पुरानी, पर है मजेदार। खबर है हिमाचल प्रदेष राज्य के डोडर गांव की। वहां ऐसी पहाड़ी भैंस है जो दूध केवल षिमला रेडियो स्टेषन को सुनने पर देती है। भैंस के मालिक ने बताया कि कट्टी मर जाने के बाद उन्हें रेडियो का सहारा लेना पड़ा। ऐसा इसलिए हुआ क्यूंकि भैंस सुई लगाए बगैर दूध नहीं देती थी। जो लड़का सुई लगाता था, वो अपने मनोरंजन के लिए रेडियो भी साथ रखता था। सुई लगाने के बाद रेडियो लगा देता था। धीरे-धीरे भैंस सुई की नहीं, रेडियो की आदी हो गई। एक दिन भैंस को सुई नहीं लगाई। सिर्फ रेडियो पर बजने वाले कार्यक्रम ही लगाए। भैंस उसी रेडियो की धुन में मगन हो कर दूध देने लगी। बस फिर क्या था – रेडियो बजता और भैंस मज़े में दूध देती। यूं ही यह सिलसिला चलता रहा।
रेडियो को मानना पड़ेगा
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मच्छर चालिसा
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