जिला बांदा, ब्लाक बबेरू, गांव निभौर। 12 नवम्बर 2013 को गांव के लोग बबेरू तहसील में राशन कार्ड की समस्या को लेकर आए थे। उनका कहना था कि 2006 में जारी हुए राशन कार्ड में सिर्फ तीन बार राशन मिला। इसके बाद न राशन मिला और न वह राशन कार्ड सरकारी दस्तावेज़ों में मान्य होते हैं। इस समय जि़ले में राशन कार्ड नवीनीकरण और प्रमाणित करने का काम चल रहा है।
प्रमाणित करने का मतलब है कि अगर कोई राशन कार्ड धारक की मृत्यु हो चुकी है तो उस कार्ड को नए व्यक्ति के नाम जारी किया जाएगा। तहसील आई फुलिया ने बताया कि 2006 में उसके नाम कार्ड है। दो बार राशन मिलने के बाद अब कार्ड फजऱ्ी बताया जा रहा है।
कोटेदार रवी पाण्डेय कहते हैं कि अगस्त 2006 से जनवरी 2007 तक में बी.पी.एल., अन्त्योदय राशन कार्ड और ए.पी.एल. पांच सौ चालिस बने थे। सभी में राशन, चीनी, मिट्टी का तेल दिया जाता है। बबेरू नायब तहसीलदार दिलीप कुमार का कहना है कि निभौर गांव की दरखास मेरे पास आई है। उनके राशन कार्ड नए सिरे से बनाए जाएंगे। जांच जारी है। अगर इतने साल से दिक्कतें थीं तो लोगों को और पहले से दरखास देनी चाहिए।
राशन की दिक्कत
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