गरीबी रेखा के राशन कार्ड के योजना सरकार लागू तौ कीने हवै, अगर सच्चाई का पता कीन जाये तौ कुछौ अउर कहत हवैं। अबै भी इनतान के के लाखन मड़ई हवैं। जउन कि गरीबी रेखा के राशन कार्ड खातिर पात्र तौ हवै।, पै उनके रशन कार्ड नहीं बने आहीं।
राशन कार्ड न बनै से मड़इन के कइयौ काम रुके रहत हवैं। राशन कार्ड बनावै खातिर उंई प्रधान से लइके ब्लाक अउर तहसील तक के चक्कर लगावत हवैं, पै राशन कार्ड बनै का नाम नहीं आवत हवै। आखिर या बात के जवाबदेही कउन देइ। सरकार या गांव के प्रधान।
यहिका जवाब सरकार का प्रधान अउर सचिव से लें के जरुरत हवै। तबहिने होइ सकत हवै कि या गम्भीर समस्या खतम होइ। नहीं तौ गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनावै खातिर जनता यहिनतान परेशान होइ। यहिके खातिर सरकार का गम्भीर होय के जरुरत हवै। राशन कार्ड के समस्या से परेशान चित्रकूट, बांदा, महोबा, बनारस अउर लखनऊ के जनता हवै जनता का राशन कार्ड बनवावै का बहुतै जयादा इंतजार हवैं।
राशन कार्ड बिना रुकत हवै काम
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