महोबा शहर, मोहल्ला समद नगर। एते के ओरतन की उमर चालिस साल से ऊपर हो गई हे, पे आज तक राशन कार्ड नई बनो हे। जीसे सरकारी लाभ पाये के लाने विभागन के चक्कर लगाउत रहत हे।
पैतालिस साल की रतमा ओर जूबेदा बताउत हे कि हम रोज की बनी मजदूरी से आपन परिवार चलाउत हे। हमाये आज तक राशन कार्ड नई बने हे। जीसे न तो हमें मिट्टी को तेल मिलत हे ओर न ही रासन। जीसे कछू राहत मिल सके। सबीना बताउत हे कि हम कच्चे घरन में रहत हे। अगर एक दिन मजदूरी न मिले तो हमाओ परिवार भूखो सो जात हे। हमने केऊ दइयां राशन कार्ड बनवाये के लाने फारम भी भरे हे। हम राशन कार्ड बनवायें के लाने तहसील से लेके जिला पूर्ति तक चक्कर काट चुके हे, पे हमाई गरीबन की कोनऊ सुनवाई नइयां।
जिलापूर्ति के बाबू हरीराम कहत हे कि जोन महिला के नाम राशन कार्ड बने खा हे ऊ राशनकार्ड बनवायें को काम कराओ जात हे। जीखे फारम छूट गये हते ऊ फारम जमा होत हे पे काम नई करो जात हे।