राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद भी अनेकों गरीब और असहाय लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। बांदा जिला के कस्बा बबेरू और कालिंजर में राशनकार्ड सत्यापन में कुछ लाभार्थियों के नाम सूची से काट दिये गये हैं। दुबारा लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए लोग विभागों में चक्कर लगा रहे हैं।
अंजू का कहब है कि हमार पांच-छह महीन पहिले राशनकार्ड से नाम काट दीन गा रहै। हम मेहरिया मनसवा दूनौ विकलांग हन, हमार तीन बच्चा हैं कउनौतान मजदूरी कइके आपन पेट पालित है। कोटेदार से कहित हैं तौ वा कहत है कि बांदा, नरैनी जाओ हुंवा से राशनकार्ड बनिहैं। कइयौ दरकी गये हन तबहूं राशनकार्ड नहीं बनत आय। मीरा देवी का कहब है कि हमार पात्रता सूची मा नाम है तबहूं हमार नाम काट दीन गा है। संतोष बताइस कि राशनकार्ड खातिर कइयौ दरकी आनलाइन कराये हन अउर सूची मा नाम होय के बादौ हमें गल्ला नहीं मिलत आय। अंजनी कुमार गुप्ता का कहब है कि छह दरकी फार्म भर चुके हन पै कउनौ कारवाही नहीं होत आय।
जिलापूर्ति अधिकारी राजीव तिवारी का कहब है कि जउन पुरान राशनकार्ड वाले मड़इन का सूची मा नाम है अउर आनलाइन नहीं कराइन तौ उनकर राशनकार्ड नहीं बने आहीं।
रिपोर्टर- गीता देवी