सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने ट्रांसजेंडर्स(किन्नर) को लेकर एक विवादित बयान दिया है।
1 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “उनकी भावना” है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को साड़ी नहीं पहननी चाहिए‘।
यह पूछे जाने पर कि क्यों ट्रांसजेंडर को साड़ी नहीं पहननी चाहिए, आठवले ने कहा, “वे पुरुष नहीं हैं, न ही वे महिलाएं हैं, लेकिन वे मानव हैं … मेरा सुझाव है कि जब वे पुरुष या महिलाएं नहीं हैं, तो वे साड़ियां क्यों पहन रहे हैं? उन्होंने कहा कि वे पैंट और शर्ट पहन सकते हैं। उन्हें पुरुषों की पोशाक पहननी चाहिए।”
आठवले के अनुसार, भारत में ट्रांसजेंडर आबादी लगभग छह लाख है और भारत सरकार इस समुदाय की सहायता और उत्थान करने के लिए कई कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि समुदाय के लोगों से अन्याय और भेदभाव होता है। कभी कभी उनके परिवार के सदस्य ही ऐसा करते हैं। ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने इस समुदाय को नौकरियों में आरक्षण दिए जाने का समर्थन किया।
उन्होंने ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार जल्द ट्रांसजेंडर विधेयक पारित करने की कोशिश करेगी और उन्हें उनका अधिकार दिलाएगी।