भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से नोटबंदी के आंकड़े जारी करने के बाद यह बात सामने आई है कि करीब 99% पुरानी करंसी सिस्टम में वापस आ चुकी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि लगभग सारे पैसे सिस्टम में वापस आ ही गए तो फिर कालाधन कहां गया?
इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि उन्होंने सरकार को नोटबंदी से लंबी अवधि के बाद होने वाले फायदे पर नोटबंदी के तुरंत बाद होने वाले नुकसान को हावी होने को लेकर चेतावनी दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने ऐसे दूसरे भी तरीके सुझाए थे, जिनसे कालाधन वापस सिस्टम में लाया जा सके।
रघुराम राजन ने यह सारी बातें अगले सप्ताह उनकी आने वाली किताब में भी लिखी हैं।
राजन ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी नोटबंदी पर फैसला लेने को नहीं कहा गया।
बता दें कि 5 सितंबर 2016 को राजन का कार्यकाल पूरा हो गया था, जबकि नोटबंदी 8 नवंबर को घोषित की गई। राजन के अनुसार, आरबीआई की ओर से यह बताया गया था कि सही तैयारी न होने की वजह से क्या नुकसान हो सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, कुल 15.44 लाख करोड़ रुपए में से 15.28 लाख करोड़ रुपए RBI में वापस आ गए। ऐसे में लगभग 99 फीसदी रुपए वापस आ चुके हैं।
इस तरह से देखा जाए तो नोटबंदी के द्वारा मोदी सरकार की कालेधन को बाहर लाने की कोशिश कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई है, लेकिन इससे लोगों को दिक्कतें काफी हुईं।
बता दें कि पिछले साल 9 नवंबर से 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद कर दिया गया था, जिसके बाद सरकार ने 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे। अब सरकार ने 200 और 50 रुपए के भी नए नोट जारी कर दिए हैं।