जि़ला महोबा, ब्लाॅक जैतपुर कस्बा बेलाताल। मेला आते ही सबके चेहरे खिल जाते हैं। बच्चे हों या बूढ़े। दुकानदार हों या खरीददार। यहां 14 जनवरी से मेला लगा है जिसमें अलग-अलग लोग और दुकानदार दुकान लेकर आए हैं। इसी मेले में छतरपुर से फातिमा भी आई है। वह बच्चों का झूला लगाए है।
फातिमा कहती है कि यह काम उसके पुरखों से होता आया है। उनसे ही सीखा है और हौसला मिला है। अब वह खुद अकेले दस साल से जगह-जगह जाकर मेलों में झूला लगाती है। इस झूले को ‘मिक्की माउस’ के नाम से जानते हैं। मिक्की माउस में हवा भरकर लगाते हैं। जिसपर बच्चे उछल कूद करते हैं। जिसमें बच्चों को बहुत मज़ा आता है।
फातिमा कहती है, ‘‘पहले ज़्यादा कमाई हो जाती थी पर अब नहीं होती है क्योंकि सूखे के कारण लोग अपने बच्चों को पैसे नहीं दे पाते हैं। पर क्या करें यही परिवार पालने का एक रोज़गार है। उसको बन्द नहीं कर सकते हैं। पहले खुशी होती थी पर अब तो मजबूरी में यह काम करना पड़ता है।’’