फिल्म – चैरंगा
कलाकार – संजय सुरी, तनिष्ठा चटर्जी, सोहम मैत्रा
निर्देशक- विकास रंजन
मुंबई फिल्म फेस्टिवल में 2014 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म से नवाजी गई चैरंगा अब सिनेमाघर में भी आ रही है। इस फिलम के निदेशक विकारस रंजन की तारीफ करनी होगी कि नए निदेशक होने के बावजूद वो एक अलग तरह की फिल्म लेकर आए हैं।
फिलम दलितों के उपर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कैसे आज भी गांव शहर से अलग है। गांव के जंमीदार कैसे गरीबो पर अपना हुकुम जताते रहते हैं। ऐसी फिल्में लाने से पहले निर्देशक सोचते रहते हैं। लेकिन विकास रंजन की तारीफ करनी होगी।
चैरंगा फिल्म पूरी तरह से गांव पर आधारित है। इसे देखते समय शहर के रहने वाले लोगों को यकीन नहीं होगा की आज गांव में ऐसा कुछा होता है। आज भी गांव के जंमीदार और नेता मिले हुअ हैं और गरीबों के उपर अत्याचार और शोषण हो रहा है। फिल्म का कलाकार धनिया जो कि एक जंमीदार के हवस का शिकार है। धनिया जंमीदार को हर तरह से मनाता है कि उसके बच्चे पढ़ने जा सकें। उसका बड़ा बेटा पढ़ रहता है और छोटा बेटा अभी गांव में ही रहता है। इसके सपने बहुत बड़े हैं। और यह जंमीदार की छोटी लड़की को भी चातिा है। वह उसे प्रेम पत्र भी लिखता है लेकिन इसका पत्र उसकी मूहबूबा के हाथों में ना जाकर किसी और के हाथों में चला जाता है। और शुरू हो जाता है असली ड्रामा।
एक दो कलाकारों को छोड़ तो बाकि कलाकारों ने अच्छा काम किया है। गंाव की हकीकत का एहसास आप चैरंगा फिल्म देखकर कर सकते हैं।