जि़ला महोबा, कस्बा कबरई। रस्सी और लाठी के सहारे करीब आठ फीट की ऊंचाई पर आठ साल की लड़की अपना खेल दिखा रही है। देखने में अच्छा लगता है लेकिन सोचने पर विवश कर रहा है कि जिस समय लड़की को स्कूल में होना चाहिए वह चैराहे पर अपने परिवार के साथ खेल दिखा कर लोगों का मन बहला रही है।
लड़की की मंा सुकांती बताती हैं, ‘‘हम लोग विलासपुर से आए हैं। हमारे मायके और ससुराल में हमेशा से ये काम होता आया है तो हम लोग भी इसी से अपना पेट पालते हैं। हम यहीं आस पास के कस्बों में खेल दिखाते हैं जबकि मेरे पति और दूसरे बच्चे दूर दूर तक खेल दिखाने जाते हैं। ये जो हमारे साथ संजय लड़का है, साइकिल में बैटरी बांध कर चलता है। इसमें गाना बजता है और लड़की निशा लोगों को खेल दिखाती है। ये काम हम ज़्यादा जाड़े के मौसम में ही करते हैं। गर्मी के मौसम में धूप बहुत तेज़ हो जाती है तो लोग ज़्यादा बाहर नहीं रहते हैं। और बच्चे भी थक जाते हैं। हम तीन साल से बच्चों को खेल सिखाना शुरू कर देते हैं।’’
ये तमाशा है जानलेवा
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