प्रांजलि ठाकुर लखनऊ में रहने वाली पत्रकार हैं जो अलग -अलग अखबारों के लिए लिखती हैं। वो उत्तर प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर राज्य के कई बड़े अखबारों में काम कर चुकी हैं।
राहुल गांधी ने 18 मई को अमेठी का दौरा किया। वह तीन दिनों तक अमेठी के आसपास ही रहेंगे। चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी यहां पहली बार पहुंचे हैं। मौके का फायदा उठाने में माहिर भारतीय जनता पार्टी की मंत्री स्मृति ईरानी 12 मई को यहां का दौरा पहले ही कर चुकी हैं।
इस सीट से 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में स्मृति और राहुल आमने सामने थे। कांग्रेस की इस परंपरागत सीट में राहुल की जीत तय थी। ऐसा हुआ भी। मगर चुनाव जीतने के बाद जब राहुल वहां एक बार भी नहीं पहुंचे तो यह मुद्दा बना। कांग्रेस ने झट पट योजना बनाई और राहुल गांधी का तीन दिन का दौरा वहां के लिए तय कर दिया गया। राहुल का नया अवतार एक किसान नेता का है। वह क भी पंजाब, कभी हरियाणा तो कभी दिल्ली में किसान रैलियां कर रहे हैं। अमेठी पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार पूंजीपतियों की है। पूरी दुनिया का चक्कर लगा रहे नरेंद्र मोदी गरीब और किसानों से मिलने कऽाी नहीं जाते। इस समय सबसे गरम हुए मुद्दे मेगा फूड पार्क प्रोजेक्ट पर राहुल गांधी जमकर बोले। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे रद्द करके किसानों के पेट पर लात मारी है। दरअसल इस मेगा फूड पार्क को 2010 में मंजूरी मिली थी। राहुल गांधी इसे अपने सपनों का प्रोजेक्ट कह रहे थे। मगर राहुल गांधी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में तब सुध ली जब यह रद्द हो गया। मेगाफूड पार्क एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें फलों, सब्जियों से बनने वाली खाने की चीजों जैम, जैली, दलिया, चिप्स, पापड़ आदि को बनाया जाता है। किसानों से यह सारी चीजें उचित दामों में खरीदकर इन्हें तैयार कर बाजार में बेचा जाता है। अगर ऐसा हो जाता तो किसान अपने कृषि उत्पादों को लेकर इधर उधर नहीं भटकते। उन्हें एक ही जगह पर अच्छे दाम मिल जाते। मगर ऐसा नहीं हुआ। उधर राहुल गांधी से पहले उनके संसदीय क्षेत्र में हाजिरी लगाकर स्मृति ईरानी राहुल की गैर हाजिरी पर सवाल खड़े कर चुकी हैं। भाजपा और कांग्रेस भले ही एक दूसरे पर आरोप लगाकर जनता के सामने अपनी छवि बनाने में लगे हों, मगर यह सवाल तो अमेठी की जनता पूछेगी ही कि अभी तक राहुल बाबा कहां थे?