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नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के चैड़ीकरण का उद्घाटन करने के लिए 31 दिसंबर को नोएडा का दौरा किया और वह यहां एक जनसभा को भी संबोधित किए। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के सुबह यहां पहुंचने की उम्मीद है। वह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखेंगे और फिर रैली स्थल पर जाएंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महेश शर्मा भी प्रधानमंत्री के साथ होंगे। दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कार्यक्रम में शरीक नहीं होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री, जो तकनीकी क्षेत्र में राज्य को श्रेष्ठ और उत्तम बनाना चाहते हैं, के नोएडा न जाने का कारण है एक अंधविश्वास।
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती समेत उत्तर प्रदेश के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों के नोएडा दौरे के कुछ ही समय बाद सत्ता गंवा देने के अजीबोगरीब इत्तेफाक की वजह से अब मुख्यमंत्री नोएडा जाने से परहेज़ करते हैं। इस बार भी नोएडा के कार्यक्रम में अखिलेश के प्रतिनिधि के रूप में पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव समारोह में हिस्सा लिया।
नोएडा को अशुभ मानने या ‘नोएडा फोबिया’ की शुरुआत वर्ष 1988 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के नोएडा यात्रा के कुछ दिनों बाद सत्ता गंवाने से हुई।
-यह अजब इत्तेफाक है कि वर्ष 1989 में नारायण दत्त तिवारी, साल 1995 में मुलायम सिंह यादव, वर्ष 1997 में मायावती और साल 1999 में कल्याण सिंह को भी नोएडा की यात्रा करने के कुछ समय बाद सत्ता से हटना पड़ा था।
-राज्य की चैथी बार मुख्यमंत्री बनीं मायावती अक्तूबर 2011 में दलित प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करने के लिये नोएडा गई थीं और संयोग से वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा।
-मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अगस्त 2012 में यमुना एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन नोएडा के बजाय लखनऊ से किया था।
अफसोस कि आधुनिकीकरण में विश्वास रखने वाले मुख्यमंत्री आज भी ऐसे अंधविश्वास से ग्रसित हैं।