देश में बिजली की स्थिति में सुधार के लिए शुरू की गई उज्जवल डिस्कॉम्स एश्योरेंस योजना(उदय) यूपी में फेल हो चुकी है।
खासकर बिजली चोरी के मामले में 18 राज्य अपने लक्ष्य से कोसों दूर हैं।
उदय स्कीम को शुरू हुए दो साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन अब तक उदय के खास परिणाम देखने को नहीं मिले हैं। डिस्कॉम्स ( बिजली वितरण करने वाली सरकारी-गैर सरकारी कंपनी) के नुकसान का बड़ा कारण बिजली चोरी को माना जाता है, लेकिन राज्यों में इस पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है।
उज्जवल डिस्कॉम्स एश्योरेंस योजना (उदय) की शुरुआत नवंबर 2015 में की थी। इसका मकसद बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों ( डिस्कॉम्स) की आर्थिक स्तिथि में सुधार करना है।
सरकार के अनुसार, डिस्कॉम्स लगभग 3.8 लाख करोड़ रुपए के घाटे में हैं, जबकि उन पर 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्ज है।
डिसकॉम्स के घाटे की एक बड़ी वजह बिजली चोरी करने से होने वाला नुकसान है। पिछले साल जब उदय की शुरुआत हुई तो उस समय कहा गया कि देश में बिजली चोरी से होने वाला घाटा का प्रतिशत 25 है, जबकि यूके-यूएस में 6 और 7 फीसदी है।
सरकार ने लक्ष्य रखा है कि मार्च 2019 तक देश का औसत बिजली चोरी से होने वाले घाटे में 15 फीसदी तक पहुंचा दिया जाएगा।
मिनिस्ट्री ऑफ पावर द्वारा संचालित उदय पोर्टल के अनुसार, अब तक 27 राज्यों और केंद्र के बीच उदय को लेकर समझौता हुआ है। इनमें केवल दो राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश ने बिजली चोरी से होने वाले घाटे का लक्ष्य हासिल किया है।
फोटो और लेख साभार: इंडियास्पेंड