भीख मांगकर पेट पाल रहे भिखारियों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। शहर में इस समय छोटे सिक्के नहीं चल रहे हैं। व्यापारी इन्हें लेने से मना करते हैं और बैंकों में भी चिल्लर लेने से आनाकानी की जा रही है। ऐसी स्थिति में भीख मांग कर अपना गुजारा करने वाले लोग परेशान है।
परेशान भिखारियों ने कलेक्टर के यहां चिल्लर लेकर पहुंचे गये और बताया कि दो दिन से वह भूखे हैं। भिखारियों ने बताया कि जब वह किसी दुकान में जाते हैं तो सिक्का अभी भी दिया जाता है, लेकिन जब उसी सिक्के का सामान खरीदने जाते हैं तो लौटा दिया जाता है।
एक रुपये के सिक्के के आकार से नाखुश उत्तर प्रदेश के रामपुर के भिखारियों के एक समूह ने तय किया है कि वह भीख में एक रूपए का सिक्का नहीं लेंगे। एक भिखारी शुक्र मनि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया था, अब हम एक रुपये के सिक्के को चलन से बाहर कर रहे हैं क्योंकि इसका आकार 50 पैसे के सिक्के जैसा है। भिखारियों ने आरोप लगाया कि दुकानदार और रिक्शा वाले भी सिक्के का आकार छोटा होने के कारण उनसे यह सिक्का नहीं लेते हैं।
व्यापारी कहते हैं कि अब यह सिक्का बैंक में नहीं लिया जा रहा इसलिए वह नहीं ले रहे हैं। लगातार यह समस्या बढ़ती जा रही है।