उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगा कि आगामी अक्तूबर में चीनी मिलों में पेराई आरंभ होने से पहले किसानों को उनके गन्ने का पुराना 10,000 करोड़ रुपये का पूरा बकाया चुका दिया जाए।
उन्होंने कहा कि आने वाले सप्ताह में सहकारी और निजी क्षेत्र की मिलों पर गन्ने की बकाया राशि का निपटान करने के लिए 5,535 करोड़ रुपये की मदद का पैकेज मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा। बता दें, गन्ना पेराई उत्तर प्रदेश में 20 अक्टूबर से आरंभ होती है।
राणा ने नेशनल फेडरेशन आफ सूगर फैक्टरीज लिमिटेड (एनएफएसएफएल) की वार्षिक आम बैठक के मौके पर से कहा, “गन्ने का बकाया घटकर करीब 10,000 करोड़ रुपये रह गया है। हमने 20 अक्टूबर से नए सत्र की शुरुआत से पहले 72।45 प्रति डॉलर इस बकाया राशि को शून्य करने का लक्ष्य रखा है।”
उन्होंने कहा कि इसके लिए 5,535 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष पेश करेगी। यह राशि चीनी क्षेत्र के लिए बजट के प्रावधानों के तहत मांगा जा रहा है।
प्रस्ताव के मुताबिक, राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ना बकाया राशि के प्रत्यक्ष भुगतान के लिए सहकारी मिलों को 1,010 करोड़ रुपये, सरकारी मिलों को 25 करोड़ रुपये और निजी मिलों को 500 करोड़ रुपये प्रदान करने की योजना बनायी है। निजी मिलों को आसान शर्तों पर 4,000 करोड़ रुपये की ऋण सहायता उपलब्ध करवाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 2017-18 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में देश में 3।2 करोड़ टन चीनी उत्पादन में 38 प्रतिशत योगदान किया।
उन्होंने कहा कि फसल अच्छी होने तथा चीनी का पड़ता बेहतर होने से चीनी का उत्पादन बढ़ा है।