आसाम के जोरहट कस्बे से आधे घंटे का सफर तय करने के बाद आप एक बेहद शांत गांव कोकिलामुख में पहुंच जाएंगे। ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा यह गांव उन लोगों को मुख्य नगर से जोड़ता है जो नदी के बीच बने टापू पर बसे हैं। स्टीमर में आधे घंटे का सफर तय कर आप इस नदी के सबसे बड़े टापू या कहें टीले पर पहुंच जाएंगे। इसका नाम है अरुणा सपोरी। नदी के बीच बसी इस बस्ती में अलग-अलग प्रकार की वनस्पतियां देखने को मिलती हैं। अरुणा सपोरी दुनिया के सबसे बड़े द्वीप मंजुली और आसाम के गांव कोकिलामुख के बीच बसा है। यहां रहने वाले लोग बांस से बने घरों में रहते हैं। आसाम में इन घरों को शांघ घोर्स कहते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक बेहद लोकप्रिय जगह है। लेकिन वैश्विक मीडिया का ध्यान भी इस जगह ने खीचा है। इसका कारण यहां पर मुलाई कठोनी जंगल का होना है। मुलाई कठोनी मानव द्वारा बनाया गया दुनिया का एकमात्र जंगल है। इसे यहां के स्थानीय निवासी जादव पेइंग ने बनाया था। 1979 में पेइंग ने इस बालुई टीले पर बांस के पौधे लगाने शुरु किए। पिछले तीस सालों से रोज़ाना पेइंग यहां पर एक पौधा लगाते हैं। पेइंग भारतीय तरीके से इस जंगल को तैयार कर रहे हैं। इस तरीके के अंदर लाल चींटियां मिट्टी में छोड़ी जाती हैं। इन चींटियों को वे गांव से यहां पर लेकर आए थे। पेइंग चीटियों के साथ दीमक और केचुए का इस्तेमाल भी इस जंगल की ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए करते हैं। मुलाई कठोनी एक हज़ार हेक्टेयर के इलाके में बसा अर्जुन, टीक और बांस का घना जंगल है।
साभार – यूथ की आवाज़ की किड्स स्पीक आउट श्रृखंला
यह खबर आई है यूथ की आवाज़ से, जो खबर लहरिया के नए पार्टनर हैं ।