सरकार गरीब मड़इन खातिर कइयौतान के योजना चलावत हवै। जइसे राषन कार्ड, रानी लक्ष्मी बाई, विधवा, वृद्धा पेंषन, विकलांग पेंषन अउर कालोनी। यहिमा से इं योजना के बारे मा बात कीन जाये तौ पता लागत हवै कि कहां तक इनतान के योजना का लाभ पात्र मड़इन का मिल पावत हवै।
हिंया बात कीन जात हवै आवास योजना के। यहिकर उदाहरण जिला चित्रकूट ब्लाक रामनगर, गांव भखरवार मा रहैं वाली मेहरिया किताबुन का हवै। किताबुन दस बरस से कालोनी खातिर हिंया-हुंआ भटकत फिरत हवै। वा कालोनी खातिर पात्र भी हवै। आखिर कउन कारन हवै कि वहिकर अबै तक कालोनी नहीं मिली हवै। वा कालोनी खातिर प्रधान से कइयौ दरकी कहिस भी हवै, पै भरोसा के अलावा वहिका अबै तक कुछौ नहीं मिला हवै। का या बात खातिर जवाबदेही दें के प्रधान के नहीं आय। या फेर प्रघान गरीबन के समस्या का नजर अंदाज करत हवै। जबैकि प्रधान गांव का जिम्मेदार मड़ई होत हवै। वहिका जनता के समस्या का खतम करै के कोषिष करै के जरूरत हवै। सरकार का भी इं योजना से जुड़े प्रधान, सचिव बी.डी.ओ. अउर अधिकारिन से जवाबदेही लें के जरूरत हवै। तबहिने इं योजना का लाभ गरीब अउर पात्र मड़इन का मिल सकत हवै। यहिके खातिर सरकार का आपन बनाई गें योजना का दुबारा से पलट के देखैं के जरूरत हवै।
यहिके जिम्मेदार कउन हवै
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