जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगावं, सुरतापुर, कुम्हार बस्ती। इहां पर दू पीढ़ी से आठ घर मेहरारून बुद्ध जी के मूर्ति बनावलीन।
यषोदा, सुदामा, मीना, भोतू समेत कई महिला के कहब हव कि हमनी बुद्ध जी के मूर्ति बनाइला। एक दिन में करीब बीस मूर्ति बन जाला। एक मूर्ति बनावे में एक घण्टा लगला। हमनी सब मेहरारून मिल के लगभग सौ मूर्ति बना लेइला।
ए समय त बरसात के दिन हव मूति त बन जाला लेकिन सुखावे में बहुत परेषानी होला। गोहरी, लकड़ी भी एतना मंहगा हव। हमनी के त बरसात भर पेट चलाइब मुष्किल हो जाला। एक दिन में सौ रूपिया के काम हो जाला लेकिन ए समय उ भी मुष्किल हो गएल हव। बाकि समय मौसम ठीक रहला त हमने के काम ठीक चलला।
हमने दूसरे के खेत से मिट्टी ली आइला ओकर भी पइसा लगला। हमने गर्मी में मिट्टी खरीद के रख लेईला। ताकि बरसात में थोड़ा बहुत धूप होवे त हमनी मूर्ति बना लेई। हमने मूर्ति के सारनाथ में बेचीला। एक मूर्ति आठ या दस रूपिया में बिकला।
मूर्ति बनावत महिला
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