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योजना केतना होलई कारगर

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बांध्याकरण करवईत महिला

विश्व परिवार नियोजन पखवारा में सरकार के लक्ष्य रहई
कि एई में महिला से बेसी पुरूष नसबंदी करावे। लेकिन
इ योजना कतेना सार्थक भेल हई इ त इहां के आकड़ा
ही बता रहल हई।
11 जुलाई 2013 से 31 जुलाई 2013 तक
हर प्रखण्ड मे एई योजना के चलायल गेलई। लेकिन
नतीजा निराश करे वाला ही सामने अलइय। सोनबरसा
पूरे प्रखण्ड में तिरपन महिला अउर मात्र एगो पुरूष के
नसबंदी होलइय। उहे रीगा में चैवालिस महिला में पुरूष
एक भी न हई। बथनाहा में कुछ बेहतर तिरानवे महिला
अउर चार पुरूष के नसबंदी कयल गेलईय।
इहां तक की महिला से बेसी प्रोत्साहन राशि
पुरूष के देल गेलईय। नसबंदी करावे वाली महिला के
छौ सौ अउर पुरूष के ग्यारह सौ रूपईया देल जाई छई। जाने अईसन केतना योजना
सरकार चलवई छथिन लेकिन योजना चलावे से पहिले जानकारी जरूरी हई इ सरकार
कयला न सोचई छथिन? कयला की आई भी हमरा समाज में लोग के धारणा हई कि अगर
पुरूष नसबंदी करइथिन त उनकर शरीर कमजोर हो जतई। असल में आसान अउर षरीर
पर कम खतरा पुरूष के लेल हई। पुरूष नसबंदी के रोक पर जिम्मेदार भी महिला के ही
ठहरायल जाई छई कि उहे पुरूष के नसबंदी न करावे देई छथिन। इहे न बच्चा ज्यादा
पैदा करे के लेल जिम्मेदार भी महिला के ही बनायल जाई छई। उनका लेल गर्भ निरोध्
ाक गोली अउर काॅपर-टी लगावे के भी षिविर लगई छई। अईसन जानकारी के पुरूष के
लेल कोई षिविर कयला न लगई छई? सरकार अईसन योजना देखवा के लेल लागू करई
छथिन। अउर पलट इ भी न देखई छथिन कि लोग एकर केतना लाभ उठा पवई छथिन।
अई सुरत मंे कोई भी योजना चलावे से पहिले जागरुकता जरूरी हई।