मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश। यहां सितम्बर 2013 में हुए दंगों के असर से आज भी हज़ारों लोग जूझ रहे हैं। दंगों का सबसे गहरा असर मुसलमान समुदाय के लोगों पर हुआ। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवम्बर 2013 को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। नोटिस उस याचिका पर जारी किया गया है जिसमें मुज़फ्फरनगर के दंगों के मामले की जांच राज्य पुलिस की जगह किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपने की मांग की गई है।
जहां प्रभावित मुसलमान समुदाय के लोग दहशत और डर के माहौल में जी रहे हैं वहीं 21 नवम्बर को भारतीय जनता पार्टी ने दंगे को भड़काने के आरोप में फंसे अपने ही दो विधायक – संगीत सोम और सुरेश राणा को सम्मानित किया। दोनों विधायकों को आगरा में उस रैली के पहले सम्मानित किया जिसकी पहल भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी कर रहे थे। भाजपा के अनुसार दोनों नेताओं को उत्तर प्रदेश सरकार ने झूठे आरोप लगा के गिरफ्तार किया था। संगीत सोम और सुरेश राणा फिलहाल ज़मानत पर छूटे हैं। दोनों पर मुज़फ्फरनगर में दंगे भड़काने के ठोस सबूत हैं।
मुज़फ्फरनगर पर नज़र – हिंसा भड़काने वालों को किया सम्मानित
पिछला लेख