2009 में ‘रैंडम मैगज़्ाीन’ नाम की फिल्म पत्रिका ने बाॅलीवुड की सबसे बेकार फिल्मों और हीरो और हिरोइन को पुरस्कार देना शुरू किया। अब जैसे बेहतरीन फिल्मों को हर साल सम्मानित किया जाता है वैसे ही बेकार और फिल्मों को भी पहचानने की ये कोशिश है।
बेकार फिल्में और वो हीरो-हिरोइन या गाने जिन ने आपको परेशान किया उन्हें ‘रैंडम मैगज़्ाीन’ पत्रिका ‘गोल्डन केला पुरस्कार’ देती है। 2014 के लिए सबसे बेकार फिल्म का पुरस्कार सैफ अली खान और रितेश देशमुख की ‘हमशकल्ज़्ा’ को दिया गया।
सोनाक्षी सिन्हा को इस साल लगातार तीसरी बार सबसे बेकार हिरोइन का पुरस्कार मिला। इसके पहले 2013 में ‘राउडी राठोड़’, ‘सन आॅफ सरदार’ जैसी फिल्मों के लिए उन्हें पुरस्कार मिला था। सबसे बेकार हीरो का पुरस्कार अर्जुन कपूर को ‘गुंडे’ फिल्म के लिए मिला।
प्रियंका चोपड़ा की ‘मैरी काॅम’ भले ही हिट फिल्म रही हो, पर इस साल एक केला पुरस्कार उन्हें भी मिला – उनके बोलने के अंदाज़्ा के लिए। फिल्म में चोपड़ा मणिपुर राज्य की मैरी काॅम बनी हैं लेकिन फिल्म में सिर्फ ऐक्टिंग नहीं, बोलने का अंदाज़्ा भी बदलना पड़ता है और ये करने की चोपड़ा ने कोशिश तो की पर सफल नहीं हो पाईं। गीतकार यो यो हनी सिंह को एक साल में इतने सारे गाने एक के बाद एक करने के लिए भी खास पुरस्कार मिला जिसका नाम है – बस कीजिए बहुत हुआ पुरस्कार।
मिलिए ‘गोल्डन केला पुरस्कार’ के विजेताओं से
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