बुन्देलखण्ड। इस इलाके में हर समय मेला लगने का एक रिवाज बन गया है। इसी इलाके के चित्रकूट जिला में लालापुर गांव है। इस गांव के सड़क किनारे हर साल माघ के महीने में मेला लगता है।
मेले में सबसे ज्यादा मीठा मीठा गन्ना, गुड़ की जलेबी, लोहे की कड़ाही, बच्चों के खिलौने और श्रृंगार का सामान देखने को मिलता है। यही नहीं मेले में आए सभी लोग चाट का भी आनंद लेते हैं। इस मेले में महोबा, बांदा, चित्रकूट, इलाहाबाद से लोग दुकान लगाने आते हैं।
गन्ना बेचने वाले शम्भू ने बताया वह पहाड़ी के दरसेड़ा गांव से गन्ना लेकर बेचने आया है। एक गन्ना के कीमत पांच से दस रूपिया है। इलाहाबाद के घूरपुर कस्बा का मोहन जो खिलौने बेच रहा था, उसने बताया कि मेले में ज़ोरों से कमाई हो रही है। कढ़ाई खरीदती शोभावती जो दो किलोमीटर पैदल चल कर भौरी गांव से मेला देखने आई थी। उसने बताया हम औरतों को साल में एक बार माघ के मेला में तो घर से आने का मौका मिलता है। हम तो इस समय का बहुत इंतजार करतें है।