जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगांव, गांव नरपतपुर। इहां के मुसिलम बस्ती में सौ मीटर जक तीन साल खण्डजा खातिर के मिट्टी फैंकल हव। बरसात में लोग उपे से आवे जाए में गिर जालन लेकिन का करियन मजबूरी हव कि जायके पड़ला। नरपतपुर गांव के रूकसानस, जरीना, उशमान, रमजान अली एन सब लोग के कहब हव कि खणन्जा खातिर के तीन साल से मिट्टी फेंक के ओसहीं पड़ल हव। जेकरे वजह से आवे जाए वालन के भी केतना दिक्कत होला। डर के मारे हमने छोटा लइकन के नाहीं भेजित। हरदम हमने के कलेजा कापल करला। जब बड़ा आदमी के जाय में तकलीफ होला तो छोटा लइकन के का कील जाए। हमने कई बारद प्रधान से कहली कि जइसे मिट्टी फैंकइले हई ओसहीं ईटा भी बिछवा देता तो हमनी के आराम हो जात। लेकिन जब प्रधान के समझ में आए तब तो। ओन ओन तो मुड़ के भी नाहीं देखतन।
एकरे बारे में गांव के प्रधान दूधनाथ पौहान से पूछायल त उनकर कहब हव कि अभही तक चेक नाहीं आएल हव। खणन्जा खातिर के प्रस्ताव बना के दिहले हई पइसा भी आ गएल हव। जून तक बरसात से पहिले बन जाई।
मिट्टी फेंक के छूटल सड़क
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