जिला चित्रकूट, ब्लाक पहाड़ी, गांव ओरा। हिंया के रहैं वाली कुसमा के शादी सन् 2010 मा रामनगर ब्लाक, कस्बा राजापुर मा श्याम के साथै भे रहै। मनसवा बच्चा न होय का बहाना कइके एक बरस पहिले घर से निकार दिहिस हवै। यहै से कुसमा अपने मइके मा बाप महतारी के साथै रहत हवै। यहिके दरखास अबै तक कतौ नहीं लिखाइगे।
गांव के कुसमा का कहब हवै कि बच्चा न होय के कारन मनसवा श्याम मोरे ऊपर आरोप लगावत हवै कि तोर बच्चा नहीं होत हवै। न तौ मोर कतौ इलाज करावत हवै अउर न आपन इलाज करावत हवै। यहै बात का लइके लड़ाई करत रहै। ऊपर से मोहिका बस दोषी ठहरावत हवै। खाना खर्चा खातिर एकौ रूपिया नहीं देत रहै। एक बरस पहिले खूबै मारिस अउर घर से निकार दिहिस हवै। बच्चा पैदा न होय खातिर वा मोहिका बस जिम्मेदार काहे ठहरावत हवै। मोरे मनसवा मा भी तौ कउनौ कमी होइ सकत हवै।
कुसमा के मनसवा श्याम का कहब हवै कि मैं वहिका घर से नहीं निकारे हांै। अपने मन से मइके चली गे हवै। लेवावैं खातिर जात हौं तौ नहीं आवत आय।
ब्लाक मऊ, गांव चित्रवार। हिंया के रहै वाली सविता के शादी पन्द्रह बरस पहिले जिला कौशाम्बी, कस्बा भरवारी मा रहैं वाले अमित के साथै भे रहै। मनसवा अमित शादी होय के चार बरस बाद मारपीट शुरू कइ दिहिस। यहै से नौ महीना से अपने मइके मा रहत हवै। वा मोहिका अबै भी परेशान करत हवैं। यहिके दरखास मऊ थाना मा 23 अगस्त 2014 का लिखाइगे, पै अबै तक कउनौ कारवाही नहीं भे आय।
गांव के सविता का कहब हवै कि मैं मजूरी करै जात रहौं। मनसवा शक करत रहै अउर ऊपर से मारत रहै। यहै से मइके मा आ के रहै लागी हौं। जब आपन खुदै कमाये खाये का हवै तौ कहां तक मार सहत रइहौं। मनसवा अमित का कहब हवै कि मोर कहा बोल नहीं सुनत रहै। मैं मजूरी करैं खातिर मना करत रहांै। वा नहीं मानत रहै। यहिमा मोर कउनौ गलती नहीं आय। मऊ थाना के मुंशी कल्लू प्रसाद का कहब हवै कि अबै तक कुसमा नाम के मेहरिया हिंया कउनौ दरखास नहीं लिखाइस हवै। अगर दरखास लिखी होत तौ जांच कइके वा मामला के कारवाही कीन जात।
मारपीट कइके घर से निकारिन
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