जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव अहिरी 2 अगस्त हिंया के रहै वाले जितेंदर का विकास मारिस हवै। या मारपीट उधार रुपिया मांगै के कारन भे हवैै। यहिसे जितेंदर के बाप सुखदेव के बहुतै चोटै आई हवैै। या कहत हवैै सुखदेव।
जितेंदर के भाई संजय का कहब हवैै कि वा दिन मै अमावश होइ के अपने घर आवा रहौं। यहिसे मै सोवत रहौं। येत्ते मा टिंकू आवा अउर कहिस कि जितेंदर का विकास लाठी अउर डण्डा से मारत हवैं। यहिसे मैं भाग के गयेंव अउर देखेंव कि वहिके सात लोग लपटे हवैं। मैं बीच बचाव करेंव। उंई मोरे बाप के लाठी मारिन अउर पत्थर भी चलाइन। यहिसे बाप अउर जितेंदर दूनौ के चोट लाग हवैं।
जितेंदर के महतारी अंजूलता का कहब हवै कि विकास यहिनतान करत हवै। एक दरकी मोरे घर मा आगी लगा दिहिस रहै। या दरकी भी बेकसूर जितेंदर का मारिस हवै। विकास दारु पियत हवै। दारु पियै के बाद वा लड़ाई करत हवै।
प्रधान अनिल का कहब हवै कि बिना बात के उंई लड़ाई करिन हवैं। थोइ से नमकीन बिस्कुट का लइके इनतान कइ डारिन हवैं। जितेंदर दुकान मा नमकीन बिस्कुट लें खातिर गा रहै। लड़ाई करै मा कउनौ फ़ायदा नहीं आय।वइसे मैं लगभग सात दिन से गांव मा नहीं आहूं।
जितेंदर का कहब हवै कि मैं दुकान मा ठाढ़ रहौं। विकास आवा अउर आ के मोहिका चप्पल से मारै लाग। यहिके बाद लाठी डण्डा से खूबै मारिस रहै। वहिके साथै कइयौ लोग रहैं।
गांव के कमलेश का कहब हवै कि उनके यहिके पहिले भी एक दरकी लड़ाई भे रहै। काहे से के अन्जूलता के घर मा आगी लाग गे रहै। यहिसे वहिके ऊपर शक रहै। या दूसर दरकी इनतान भा।
जितेंदर के भाई संजय का कहब हवैै कि वा दिन मै अमावश होइ के अपने घर आवा रहौं। यहिसे मै सोवत रहौं। येत्ते मा टिंकू आवा अउर कहिस कि जितेंदर का विकास लाठी अउर डण्डा से मारत हवैं। यहिसे मैं भाग के गयेंव अउर देखेंव कि वहिके सात लोग लपटे हवैं। मैं बीच बचाव करेंव। उंई मोरे बाप के लाठी मारिन अउर पत्थर भी चलाइन। यहिसे बाप अउर जितेंदर दूनौ के चोट लाग हवैं।
जितेंदर के महतारी अंजूलता का कहब हवै कि विकास यहिनतान करत हवै। एक दरकी मोरे घर मा आगी लगा दिहिस रहै। या दरकी भी बेकसूर जितेंदर का मारिस हवै। विकास दारु पियत हवै। दारु पियै के बाद वा लड़ाई करत हवै।
प्रधान अनिल का कहब हवै कि बिना बात के उंई लड़ाई करिन हवैं। थोइ से नमकीन बिस्कुट का लइके इनतान कइ डारिन हवैं। जितेंदर दुकान मा नमकीन बिस्कुट लें खातिर गा रहै। लड़ाई करै मा कउनौ फ़ायदा नहीं आय।वइसे मैं लगभग सात दिन से गांव मा नहीं आहूं।
जितेंदर का कहब हवै कि मैं दुकान मा ठाढ़ रहौं। विकास आवा अउर आ के मोहिका चप्पल से मारै लाग। यहिके बाद लाठी डण्डा से खूबै मारिस रहै। वहिके साथै कइयौ लोग रहैं।
गांव के कमलेश का कहब हवै कि उनके यहिके पहिले भी एक दरकी लड़ाई भे रहै। काहे से के अन्जूलता के घर मा आगी लाग गे रहै। यहिसे वहिके ऊपर शक रहै। या दूसर दरकी इनतान भा।
रिपोर्टर- सुनीता देवी और सहोद्रा देवी
13/08/2016 को प्रकाशित
मामूली बात पर हुआ विवाद – चित्रकूट के मऊ ब्लॉक के अहरी गाँव में