बेंग्लुरू। रेत माफिया के खिलाफ अभियान चला रहे आई.ए.एस अधिकारी डी.के.रवि की मौत का मामला संसद से सड़क तक बहस का मुद्दा है। 18 मार्च को यहां के सामाजिक कार्यकर्ता जी.एस. कोंडालिया ने बताया कि डी.के.रवि कुछ बड़े माफियाओं यानी मकान और इमारत बनाने वाले बिल्डर पर छापा मारने की तैयारी कर रहे थे।
रवि ने अक्टूबर, 2014 में हाउसिंग सोसायटी से चार सौ करोड़ के आयकर की वसूली भी की थी। कोंडालिया ने बताया कि रवि को उनसे कुछ दस्तावेज चाहिए थे। वह दोनों जल्द ही मुलाकात करने वाले थे। इन दस्तावेज़ों में कई बड़े भू-माफियाओं यानी ज़मीन की खरीद बेच से जुड़े बड़े व्यापारियों के घपले दर्ज थे। हम दोनों इस मिलकर काम करने वाले थे। कोंडालिया ने गुस्सा जताते हुए कहा कि अभी पूरी छानबीन भी नहीं हुई है। फिर सरकार से इसे आत्महत्या साबित करने की कोशिश क्यों हो रही है। उनका रिकार्ड बताता है कि वह ईमानदार छवि के अधिकारी थे।
क्या है मामला
16 मार्च को बेंगलूरू के घर में आईएएस अधिकारी डी.के. रवि की लाश उनके घर में फांसी से लटकी मिली। पुलिस ने पहली ही नजर में इसे आत्महत्या का मामला बताया है। कर्नाटक सरकार ने सी.आई.डी. जांच कराने के आदेश दिए हैं जबकि सी.बी.आई. जांच की मांग ठुकरा दी गई है।