कराची, पाकिस्तान। यहां की मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता सबीन महमूद की 24 अप्रैल को हत्या कर दी गई।
अड़तिस साल की सबीन की हत्या उस वक्त हुई जब वह एक सेमिनार से लौट रहीं थीं। दरअसल सबीन अपहरण और लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा के मुद्दों पर लगातार आवाज़ उठा रही थीं। इस सेमिनार का मुद्दा भी बलूचिस्तान में अपहरण और उत्पीड़न था। सबीन के साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता जुड़े थे।
सबीन ‘द सैकेंड फ्लोर’ नाम के बुक स्टोर की निदेशक भी थीं। यहां पर अक्सर मानवाधिकार के मुद्दों पर विचार विमर्श आयोजित किया जाता है। सबीन के साथ उनकी मां भी थीं। वह सेमिनार का संचालन करके उनके साथ लौट रहीं थीं। सबीन को हमले के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। उनकी मां को भी गोलियां लगी हैं। मगर वह खतरे से बाहर हैं।