जिला महोबा, ब्लांक चरखारी, गांव रिवई एसे पंचयात को विकास को करे जीके प्रधान को जो तक नई पतों के कोन को समाजवादी पेंशन मिल रई और कोन को नइ मिल रइ। इते की कछु महिलाओं को समाजवादी पेंशन नइ मिल रओ। प्रधान खुद परेशान हे के उन्हें पेंशन नइ मिल रइ।
अनीता ने बताई के हमे नइ मिलत समाजवादी पेंशन हमने दो तीन बार फार्म भी भरे बा पंचवर्षीय योजना में भी भरे और अबे भी भरो सो न अबे आई। दो तीन बार हमने चेक भी करवा लओ। लेकिन नइ आई अबे तक। और फार्म भरे एक साल हो गयी जब प्रधान जीते ते सोई उन ने भरबा दए ते। अब खर्चा एसे चलत के मोड़ी को हे सो ब्याहों कर दओ। और मोड़ा हे सो मजूरी करत बई से चलत खर्चा।
संगीता ने बताई के हमाय मुहल्ला में भोत आदमी एसे हे जिने समाजवादी पेंशन नइ मिलत। रानी ने बताई के अगर पेंशन मिलन लगती तो रोटी पानी को खर्चा चलन लगतो। तो फिर और कछु करते सोचते कछु तो होन लगे।
ब्रजभूषण तिवारी ने बताई के हमाय ते समाजवादी पेंशन के सात सौ बीस फार्म भरे गये थे। मई के महीना में भरे ते जे फार्म। हमे जो पतो नई पर रओ के काय नइ आ रइ।
सबके पास जात बे के देत के हमाय ते से चली गई। लेखपाल नो गये बीडीओ साब नो गये सचिव के पास भी गये। लेकिन पतों नइ चल रओ के किते कट रइ पेंशन हमे जानकारी नइया के कितने आदमियन को मिल रइ समाजवादी पेंशन न हमने कोशिश करी।
रिपोर्टर- सरोज सेनी
Published on Dec 30, 2016