जिला महोबा, ब्लाक चरखारी, गांव गुढ़ा बुंदेलखंड के किसान हर तरह से परेशान हे कबहु सूखा कबहु बाढ़ तो कबहु सरकार की योजनायो से केऊ बार किसान लड़ाई लड़्त लेकिन न्याय न मिलबे पे उन्हें निराश होके ही बैठने परत। इते के किसानन को सूखा राहत के मुआवजा की चेके नइ मिली। किसान कचहरी और तहसील के चक्कर काट काट के थक गये। लेकिन उने कोनऊ तरा की सहायता नइ मिली।
जगन्नाथ ने बताई के हमे सूखा राहत की बस दो चेके मिली और नइ मिली एक छह हजार की एक अठारह सौ की। दो एकड़ जमीन हे का हो रओ मजूरी करके पेट पाल रए। पहले लेखपाल उदितनारायण हते सो उन ने छह हजार की दई ती और अब नारायण सिंह आय सो उन ने अठारह सौ की दई। और तीसरी अबे तक नइ मिली।
भागवली ने बताई के सब किसान परेशान हे लेकिन दलित किसान ज्यादा परेशान हे। अबे जो चुनाव भओ तो तो कछू आदमियन ने चेके वोटन के कारन बटबाई ती। तहसील में वकील से बात करी ती काय के तहसीलदार और एस डी एम् के पास पहुच ही नइ पात। सरकार कत के मिल हे कबे मिले।
नारायण सिंह लेखपाल ने बताई के जिन किसानन के खाते नइया उनकी सूचि गांव में चिपका दई के अपने अपने खाते दे जाए। जिनके आ गये उनके खाते में रुपइया भेज दए गये।
सौरभ कुमार पाण्डेय तहसीलदार ने ताई के एसे भोत से किसान हे जिनकी दूसरी क़िस्त शासन से ही नइ आई अब तो बजट आबे पे ही मिल हे।
रिपोर्टर- सरोज सैनी
19/05/2017 को प्रकाशित