जिला महोबा, गांव मुढ़ारी में पिछले महीना मौसमी बीमारी से पांच मोडियन की मौत हो गई ती। लेकिन सूचना देबे के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर अबे तक गांव में देखवे तक नइ आय।
धरम ने बताई के हमाई आठ साल की मोड़ी हती हम इते ले गए तो कह दई ती के बाय खून की कमी हो गई झांसी या छतरपुर ले जाओ।
प्रेम ने बताई के हमाई मोड़ी स्कूल से आई और पर रई सो हमने कई के का हो गओ उठो लिखो पढ़ो तो बा केन लगी के नानी हमे बुखार हे।
वाहिद ने बताई के हमाय भज्जा की मोड़ी ख़तम हो गई ती हम मोड़ी को इलाज के लाने ले गए मोड़ी को मलेरिया बताओ तो डॉक्टर ने। इतनी मौते होबे के बाद भी कोनऊ टीम नई आई। जबकि डॉक्टरन को पतो भी हतो के इते बच्चन की मौत हो रई और इते बीमारी फैली।
न इते कबहु मच्छर कम करबे के लाने कोनऊ दवाई को छिरकाव हो रओ न कबहु नाली साफ़ होती।
माया आशा बहू ने बताई इते कोनऊ डॉक्टर नइ आय हमनें उन्हें बताई भी हती डॉक्टर गाव में नइ आत बे कत के इतेइ आओ इलाज कराबे।
डाक्टर पी के सिंह ने बताई के उते केवल एक मोड़ी की मौत भई जी को ट्युमर हतो बस और कोऊ की नइ भई हमने अपनी आशा ए एन एम से सर्वे भी करवाई कोऊ की मौत नइ भई। मच्छर के लाने उते छिरकाव करवा हे। अबे हमाई टीम घूम रई सब जघा छिरकाव करबे के लाने।
रिपोर्टर- श्यामकली और कविता
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर नज़र- खबर लहरिया की नयी श्रृंखला जो उत्तर प्रदेश के गाँवों और कस्बों में सरकारी और निजी स्वास्थ्य व्यवस्था को परखती है। महोबा के मुढारी में पांच लडकियों की मौत, अभी तक सो रही है स्वास्थ्य विभाग