जिला महोबा, ब्लाक पनवाड़ी, गांव कुलपहाड़, गहरा एते बाढ़ आबे के मारे आदमी भये परेशान और बरबाद। आदमीयन नों न तो कछु खाबे के लाने बचो न कछु बेठबे के लाने बचो। गरीब आदमियान ने सरकार से करी मांग खाबे पीबे और कालोनी के लाने।
रामकली ने बताई के एक दम बाढ आबे के मारे घर गिर परे। न खाबे पीबे के लाने कछु निकार पाए। कल्लू ने बताई के चार बजे हम गइया बांधबे गये उते से लोटे सो देखो के घर में पानी भर गयो तो सो मोड़ी मोड़न को लुआओं और कढ गये ते। भोत नुकसान हो गओ सब को सबके घर गिर परे।
विमला ने बताई के पांच घर गिरे पूरो सामान दब गओ पूरे महोल्ला वालेन नो खाबे के लाने तक कछु नईया सब दब गओ। जई हालत कुलपहाड़ के आदमीयन कि हे। स्कूल कि छत पे बैठे रए पूरे दिन कोऊ ने कछु नई खाओ। फिर गांव के आदमी गये आंगनबाड़ी से पंजीरी लेयाय फिर बई खाई सबने।
रामभरोसे ने बताई के कछु नई बचो न जानवरन के लाने भूसा न कपडा लत्ता पैर बे बिछाबे के लाने। अब काय से मोड़ी मोड़ा पाले अपने एसी गीली जमीन में रह रए अब। खेती किसानी तो हे नईया। मजूरी करत ते सो अब बई चली गयी।
सिया रानी ने बताई के हमाओ पूरो घर गिर परो दूसरे के घर मे रे रए सबरी ूहर ग्रहस्थी दब गयी कछु नई बचो थोड़ो भोत बचो। ईश्वर दयाल ने बताई के जब बाढ आई सो सबके घर में पानी भर गयो सो लेखपाल आये उनने एलान करो के कालोनी में चलो। सो सब जाने उते चले गये और अब उते से भगा रए के अपने घर में जाओ अब बताओ किते जाबे।
मीरा ने बताई के दो कच्चे घर हते सो दोई गिर परे सामान हे सो सब बह गाओ सो कालोनी में रह रए अब कह रए के कालोनी खाली करो बताओ अब किते जाबे। एसे फूटे घर में केसे रेहे मोड़ी मोड़न को लेके।
लक्ष्मी ने बताई के हमाय गांव से नाला हे नाले के बगल में हमाय घर बने ते सो बाढ़ आई और सब के घर गिर परे। हम कम से कम 57 साल के हो गये अबे तक एसी बाढ़ नई देखी घर में पानी सात फुट ऊपर हतो। नालो पुर गओ सो बई के मारे बाढ़ आ गयी पहली बार भाओ जो। अब सरकार हमाय के तो घर बनवाबे के हमे रुपईया देबे।तो हम ओरे अपने घर बनाबे नई तो का से बना हे हमनों तो जो हतो सो सब बरबाद हो गाओ।
अर्जुन सिंह प्रजापति प्रधान ने बताई के हमाय ते एसे सत्तर घर हे जो बे घर हो गये। और कम से कम इतने घर कुलपहाड़ में हे। और कम से कमतीन सौ घर एसे हे जिनमे से कोऊ के एक कोऊ के दो कोऊ के तीन घर गिरे। गरीब आदमियन कि छिरिया बे गयी बसोर आदमियन के सुआर मर गये और कछु बह गये। हमने सरकार से बरसाती बितरण के लाने भी आग्रह करी और कर रए के जी से आदमी अपनी तिरपाल तान के बामे गुजारो कर सके और जब तक कछु नई मिल रओ सो तीनो केंद्र खुले रहबे।
नन्हकू एस डी एम महोबा ने बताई के प्रशासन कि तरप से जिनके घर पूरी तरा से गिर गये हे। उने तीन विद्यालय हे बे खोल दये कि बे अपने परिवार सहित निवास करे उनके लाने भण्डारो करवाओ जा रयो। उनसे जा को एक भी रुपईया नई लओ जा रओ। और जो घर गिरे हे उनकी सर्वे करी जा रई उनको शासन ने जो निर्धारित करो हे बो उनको जल्दी से जल्दी दुआबे कि कोशिश कर रहे। राम लखन ने बताई के गैस सिलेंडर मिलबे और नाज दाल चावल मिलबे तो आदमी अपनों बना के खान लगे। नई तो एसे का तक परेशान होहे। पूरो गांव हे खाना बनाबे में भी टेम लगत।
रामकली ने बताई के एक दम बाढ आबे के मारे घर गिर परे। न खाबे पीबे के लाने कछु निकार पाए। कल्लू ने बताई के चार बजे हम गइया बांधबे गये उते से लोटे सो देखो के घर में पानी भर गयो तो सो मोड़ी मोड़न को लुआओं और कढ गये ते। भोत नुकसान हो गओ सब को सबके घर गिर परे।
विमला ने बताई के पांच घर गिरे पूरो सामान दब गओ पूरे महोल्ला वालेन नो खाबे के लाने तक कछु नईया सब दब गओ। जई हालत कुलपहाड़ के आदमीयन कि हे। स्कूल कि छत पे बैठे रए पूरे दिन कोऊ ने कछु नई खाओ। फिर गांव के आदमी गये आंगनबाड़ी से पंजीरी लेयाय फिर बई खाई सबने।
रामभरोसे ने बताई के कछु नई बचो न जानवरन के लाने भूसा न कपडा लत्ता पैर बे बिछाबे के लाने। अब काय से मोड़ी मोड़ा पाले अपने एसी गीली जमीन में रह रए अब। खेती किसानी तो हे नईया। मजूरी करत ते सो अब बई चली गयी।
सिया रानी ने बताई के हमाओ पूरो घर गिर परो दूसरे के घर मे रे रए सबरी ूहर ग्रहस्थी दब गयी कछु नई बचो थोड़ो भोत बचो। ईश्वर दयाल ने बताई के जब बाढ आई सो सबके घर में पानी भर गयो सो लेखपाल आये उनने एलान करो के कालोनी में चलो। सो सब जाने उते चले गये और अब उते से भगा रए के अपने घर में जाओ अब बताओ किते जाबे।
मीरा ने बताई के दो कच्चे घर हते सो दोई गिर परे सामान हे सो सब बह गाओ सो कालोनी में रह रए अब कह रए के कालोनी खाली करो बताओ अब किते जाबे। एसे फूटे घर में केसे रेहे मोड़ी मोड़न को लेके।
लक्ष्मी ने बताई के हमाय गांव से नाला हे नाले के बगल में हमाय घर बने ते सो बाढ़ आई और सब के घर गिर परे। हम कम से कम 57 साल के हो गये अबे तक एसी बाढ़ नई देखी घर में पानी सात फुट ऊपर हतो। नालो पुर गओ सो बई के मारे बाढ़ आ गयी पहली बार भाओ जो। अब सरकार हमाय के तो घर बनवाबे के हमे रुपईया देबे।तो हम ओरे अपने घर बनाबे नई तो का से बना हे हमनों तो जो हतो सो सब बरबाद हो गाओ।
अर्जुन सिंह प्रजापति प्रधान ने बताई के हमाय ते एसे सत्तर घर हे जो बे घर हो गये। और कम से कम इतने घर कुलपहाड़ में हे। और कम से कमतीन सौ घर एसे हे जिनमे से कोऊ के एक कोऊ के दो कोऊ के तीन घर गिरे। गरीब आदमियन कि छिरिया बे गयी बसोर आदमियन के सुआर मर गये और कछु बह गये। हमने सरकार से बरसाती बितरण के लाने भी आग्रह करी और कर रए के जी से आदमी अपनी तिरपाल तान के बामे गुजारो कर सके और जब तक कछु नई मिल रओ सो तीनो केंद्र खुले रहबे।
नन्हकू एस डी एम महोबा ने बताई के प्रशासन कि तरप से जिनके घर पूरी तरा से गिर गये हे। उने तीन विद्यालय हे बे खोल दये कि बे अपने परिवार सहित निवास करे उनके लाने भण्डारो करवाओ जा रयो। उनसे जा को एक भी रुपईया नई लओ जा रओ। और जो घर गिरे हे उनकी सर्वे करी जा रई उनको शासन ने जो निर्धारित करो हे बो उनको जल्दी से जल्दी दुआबे कि कोशिश कर रहे। राम लखन ने बताई के गैस सिलेंडर मिलबे और नाज दाल चावल मिलबे तो आदमी अपनों बना के खान लगे। नई तो एसे का तक परेशान होहे। पूरो गांव हे खाना बनाबे में भी टेम लगत।
रिपोर्टर- सुनीता प्रजापति, श्यामकली
22/08/2016 को प्रकाशित
महोबा के गहरा गाँव में बाढ़ से घर गिरे
लोगों ने स्कूल में ली शरण