बेटी ने मां का अंतिम संस्कार किया। इस पर भाई ने बहन की हत्या कर दी। परंपरा के अनुसार बेटा ही करता है, अंतिम संस्कार।
छत्तीसगढ़। रायपुर जिले के मौदहा गांव की महिला सरपंच की हत्या 31 मार्च को उसके भाई ने कर दी। गीता प्रहलाद का दोष केवल इतना था कि उसने अपनी मां सुरजुबाई की आखिरी इच्छा पूरी करते हुए उसका अंतिम संस्कार खुद किया था। परंपरा तोड़ने के कारण गीता से नाराज़ उसके भाई संतोष ने कुल्हाड़ी से मारकर उसकी हत्या कर दी।
गीता की उन्नीस साल की बेटी ने बताया कि उसकी नानी सुरजुबाई उन्हीं लोगों के साथ काफी लंबे समय से रह रही थीं। उसके मामा संतोष ने उसे घर से निकाल दिया था। तब मेरी मां ने उन्हें अपने साथ रखा। मेरी नानी ने मेरी मां से वचन लिया था कि उनका अंतिम संस्कार वही करे। लेकिन मेरे मामा और उनके बेटे ने उनकी हत्या इसलिए कर दी क्योंकि बेटी का हक अंतिम संस्कार का नहीं होता है।
गीता और उसका भाई विक्रम भी घटना के समय मौजूद थे। उन्होंने अपनी मां को बचाने की कोशिश की। लेकिन वह लोग तीन थे। और उनके हाथों में कुल्हाडि़यां थीं। गीता के पति ने बताया कि हमने कभी भी संतोष की पैतृक जायदाद में हिस्सेदारी भी नहीं मांगी थी। न ही हमें कुछ चाहिए था। गीता ने बस अपनी मां की सेवा की। उसकी अंतिम इच्छा पूरी की। शायद संतोष की बौखलाहट का कारण उसके अभिमान को ठेस पहुंचना है। पुलिस ने बताया कि संतोष और उसके बेटे पियूष को गिरफ्तार कर लिया गया है।