जिला महोबा, ब्लाक कबरई, कस्बा श्रीगर, मोहल्ला भैरवगंज। एते के 42 साल की ओरत लक्ष्मी की मोत 17 मार्च खा हो गई हती। जीसे लक्ष्मी की छोट्-छोट् बच्चन को हाल रो-रो के बुरा हे। चिन्ता हे की अब जयहिन्द ओर कल्लू की देख-रेख कोन करहे।
लक्ष्मी के आदमी कमतू की मोत होंय के बाद 3 बीघा जमीन की कास्तकार हती। ओई खेती में मेहनत मजदूरी कर जयहिन्द ओर कल्लू को भरण पोषण करत हती। काय से सब कछू बिना रह सकत हे, पे आनाज के बिना नई। दो हजार रूपइया कुन्तल अनाज बाजार में बिकात हे। ई साल भी लक्ष्मी ने भगवान को नाम लेके अपनी तीन बीघा जमीन में गेहूं बो दओ हतो। जीसे अपने बच्चन को पेट भर सके। 13 मार्च खा कुदरत ने फिर एक दइयां ओला पानी बरसा के किसान के घाव नये कर दये हते। 17 मार्च खा लक्ष्मी अपने खेत गई ओर खेत मे बोई फसल बरबाद देख के सदमा लग गओ। परिवार वालेन ने इलाज के लाने अस्पताल ले गये। ओते डाक्टर ने लक्ष्मी खा मरो घोषित कर दओ।
ई केस में एस.डी.एम. सुशील कुमार सिंह से बात करी तो ऊने जांच करायें के बात ही कछू हो सकत होंय की बात कही हे।