चित्रकूट जिला मा महंगाई के मार मिट्टी मा भी छाई हवै। कुम्हार मिट्टी के घड़ा, दीया, नाद अउर सुराही बनावत हवैं। उनका मिट्टी ढूढे नहीं मिलत।
ब्लाक कर्वी, गांव कर्वी माफी। हिंया के गेदेंलाल प्रजापति का कहब हवै कि मिट्टी के बर्तन बनावैं का काम पीढि़न से होत हवै। एक साल पहिले एक ट्रैक्टर मिट्टी सात सौ रूपिया के मिलत रहै। अब एक हजार रूपिया मा एक टैक्टर मिलत हवै। दीपावली के समय ज्यादा मिट्टी के जरूरत परत हवै। काहे से कि दिवलिया ज्यादा बिकत हवैं।
ब्लाक मानिकपुर कस्बा सरैया। हिंया का चुन्नीलाल भी कुछ यहिनतान कहिस कि मिट्टी महंगी होय के कारन ढूढ़े-ढूढ़े नहीं मिलत हवै। मिट्टी के बर्तन बना के बेचित हन। अगर मिट्टी न मिली तौ कसत मिट्टी के बर्तन बनिहैं। यहै से मेन रोजगार बन्द होय के कगार मा हवै।
महंगाई का असर मिट्टी मा भी
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