पशु बाजार में मवेशियों की लिए ब्रिकी और उनके वध पर पाबंदी लगाने के लिए केंद्र सरकार जो फैसला लाई थी वह उसे वापस ले सकती है।
सूत्रों के अनुसार, पर्यावरण और वन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले हफ्ते इसके लिए कानून मंत्रालय को लिखा जा चुका है। बताया गया है कि सरकार उस फैसले को कुछ वजहों से दोबारा देखने के लिए वापस ले रही है। सरकार जानवरों पर होने वाली क्रूरता की रोकथाम के लिए बने पशुधन बाजार नियमन नियम में बदलाव करना चाहती थी। फैसले में लिखा था कि अगर कोई शख्स पशु बाजार में मवेशियों की खरीदी–बिक्री करना चाहता है तो उसको लिखित में देना होगा कि उस मवेशी का वध नहीं किया जाएगा बल्कि वह किसानी में काम आएगा।
केरल, मेघायल, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने खुलकर इस फैसले का विरोध किया गया था। किसान भी इसके विरोध में थे। मई के आखिर में मद्रास हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर तमिलनाडु में इस फैसले पर रोक लगा दी थी, फिर जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस रोक को पूरे भारत में लागू कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने इस फैसले के संबंध में बाकी राज्यों ने उनकी राय मांगी थी। केंद्र सरकार का इस फैसले पर काफी विवाद हुआ था, माना जा रहा था कि सरकार ने ऐसा अपनी पार्टी की विचारधारा से प्रेरित होकर किया है। उस दौरान गाय के नाम पर हिंसक घटनाएं भी सामने आ रही थीं।