कुछ चटपटा मसालेदारन खायें का मन होय तौ मसाला डोसा से बढिया नाश्ता का होइ सकत हवै। भारत के दक्षिण के व्यंजन मा डोसा सबसे नींक व्यंजन माना जात हवै जउन बनावै मा आसान अउर खायें मा लाजवाब हवै। तौ चलित हवै चित्रकूट जिला के मऊ बस स्टाप मा छोटू के दुकान मा डोसा खायें खातिर।
छोटू का कहब हवै कि पहिले मैं इलाहाबाद मा डोसा बनावत रहेहौं, अब दस दिना से हिंया बनावत हौं। डोसा बनावै खातिर सांभर मसाला, गर्म मसाला, उर्द, चना अउर अरहर के दाल लागत हवै। बैगन, कद्दू, लौकी या सब सांभर मा पड़त हवै। मटर, पनीर, प्याज, धनिया, अदरक, मिर्चा समेत कइयौ चीज पड़त हवै। एक दिना मा सत्तर-अस्सी डोसा बनत हवै अउर तीस रुपिया का एक डोसा बिकत हवै।
प्रकाश शुक्ला का कहब हवै कि सांभर का स्वाद खट्टा अउर तीखा हवै तौ खायें मा नींक लागत हवै।
रिपोर्टर- सुनीता देवी
Uploaded on Apr 6, 2018