राजस्थान के रणथंभोर के जंगल की बाघिन ‘मछली’ ने बीस साल के बाद 18 अगस्त को दुनिया से अलविदा कहा। मछली इतनी मशहूर थी कि उसके नाम पर एक डाक टिकट, फेसबुक पेज और सैकड़ों तसवीरें थीं। इसका नाम मछली इसलिए पड़ा क्यूंकि इसके चेहरे पर मत्स्य के निशान थे। मछली को रणथंबोर की रानी और झील की रानी के ख़िताब भी मिले थे। पिछले 20 सालों में मछली ने ग्यारह बच्चों को जन्म दिया, उनमे से थोड़े बाघ अब सरिस्का टाइगर रिज़र्व में पाए जाते हैं। रणथंभोर में घूमने आये पर्यटकों को मछली निराश नहीं करती थी। अक्सर वो किले के पास घूमती नज़र आती थी। जंगल की यह रानी बहुत याद आएगी।
साभार: डाउन टू अर्थ