एक केती सरकार जानवरन खा भूख ओर प्यास से न मरें को दावा करत हे। दूसर केती बजट खत्म हो गओ पे गांवन मे अभे तक जानवरन के लाने भूसा नई पोहोचों हे।
जिला महोबा, ब्लाक चरखारी गांव बैहारी वार्ड नम्बर 7 के धरमदास ओर चन्द्रपाल बताउत हे की गांव मे एकऊ दइयां भूसा नईं बांटो हे। हम अपने जानवरन खा का खबायें। आस पास के गांवन मे भूसा बट चुको हे। टीकाराम कहत हे की तीन महीना मे लगभग सौ जानवर भूख से मर चुके हे। खेत मे खांये पिये की कोनऊ सुविधा नइयां। सात सौ रूपइया कुन्तल भूसा बिकात हे। एक जानवर के लाने एक साल मे पांच कुन्तल भूसा लग जात हे। सूखा मे परिवार पालब मुश्किल परत हे तो जानवरन को पेट किते से भरहे। अगर हमाये गांव मे भी भूसा बांट जातो तो कछू दिन जानवर जिन्दा रेह सकत हते।
प्रधान बृजेन्द्र सिंह राजपूत कहत हे की मेने पशु अस्पताल मे कहो हतो। पशु अस्पताल के डाक्टर ने भूसा बटवायें को अश्वासन दओ हे।
गांव गोरखा को परमलाल हरनाथ ओर देवकरन बताउत हे की गांव मे सबसे ज्यादा जानवरन के लाने भूसा की परेशानी हे। अगर एक जानवर हो तो खरीद के खबा सकत हे। घर छह-सात जानवर हे। किते से इत्तो भूसा लाहें। खेती मे एकऊ पेड़ नई जामो हे।
प्रधान गुलाब सिंह राजपूत बताउत हे की डी.एम. के अगाऊं कहो हतो तो कहत हते की हर गांव मे जानवरन खा भूसा भेजो जेहे।
रिपोर्टर – सरोज सैनी