भारत में गोद लेने के लिए उपलब्ध बच्चों में लड़कियों का प्रतिशत बहुत ज्यादा है। बच्चे गोद लेने वाले आंकड़े बताते हैं कि देश के 23 राज्यों में लड़कियों की संख्या गोद लेने के मामले में लड़कों की तुलना में ज्यादा है। भारत में और विदेश से भारत आकर बच्चे गोद लेने वाले दोनों ही मामलों में 2013 से 2017 के आंकड़े खंगालने पर पता चला है कि लोग अब लड़की गोद लेना अधिक पसंद कर रहे हैं। इन चार सालों के दौरान देश में जहां 8,039 लड़कियां गोद ली गईं, वहीं गोद लिए गए लड़कों की संख्या 5,601 रही। भारत आ कर गोद लेने में भी यही देखने को मिला है। चार साल में भारत आ कर गोद लेने में 1402 लड़कियां गोद ली गईं, वहीं लड़कों की संख्या 596 रही। हालांकि देशभर में बीते 7 साल में बच्चे गोद लेने के मामले 50 प्रतिशत तक घट गए हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इस गिरावट के बीच भी लड़कियों के गोद लेने की संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले चार वर्षों में दुनिया भर के पांच देशों के माता–पिता द्वारा 2,134 भारतीय बच्चों को अपनाया गया। इनमें से 69% (1,481) लड़कियां थीं। अमेरिकियों ने भारतीय बच्चों का 36% (776)भाग अपनाया, जिनमें से किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक 73% (566) लड़कियां थीं– इसके बाद इटली 22% (463) और स्पेन 12% (247) था। आंकड़े बताते है कि भारत से अधिक लड़कियां लड़कों की तुलना में विदेशी अभिभावकों द्वारा अपनाई जाती हैं. वहीं, भारत में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में बच्चे (549) गोद लिए गये. इसके बाद दिल्ली(205)है। देश में गोद लेने के मामले में, महाराष्ट्र ने चार वर्ष से अधिक लगभग 23%, 2,771 बच्चे गोद लिए जिनमें से 1,543 लड़कियां और 1,228 लड़के थे। महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक (9%, 1,140) और पश्चिम बंगाल (6%, 786) का स्थान रहा। गोद देने वाले सेंटर यह भी मानते हैं कि भले ही लड़कियों को त्यागने वालों की संख्या बढ़ी हो, लेकिन गोद लेने के लिए लोगों की पहली पसंद लड़कियां ही हैं।
लेख साभार: इंडियास्पेंड