भारत में ग्रामीण इलाके में चैबीस सौ कैलोरी और शहरी इलाकों में इक्कीस सौ कैलोरी वाला आहार जिन लोगों को नहीं मिलता है उन्हें कुपोषण के दायरे में रखते हैं।
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की भूख संबंधी सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा भूखे लोग हैं। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (ए.एफ.ओ) ने 2015 की रिपोर्ट ‘द स्टेट आफ फूड इनसिक्यूरिटी इन द वर्ल्ड’ में यह कहा है।
एक सौ उन्तीस देशों की सूची में भारत पहले नंबर पर है। भारत में इस समय 19.4 करोड़ लोग भुखमरी का शिकार हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पंद्रह प्रतिशत लोग भारत में कुपोषण का शिकार हैं। जबकि पूरी दुनिया में यह आंकड़ा साढ़े उन्नासी करोड़ है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परिभाषा के अनुसार कुपोषण का शिकार उस व्यक्ति को मानते हैं जिसे एक साल तक रोजाना तय न्यूनतम पोषक आहार न मिले। लगातार रहने वाला कुपोषण ही भुखमरी के दायरे में आ जाता है।
खाद्य सुरक्षा देने के लिए शुरू हुई योजना के तहत सभी जरूरतमंद परिवारों को पैंतिस किलो अनाज देने का नियम है। इस लाभ के लिए पिचहत्तर प्रतिशत ग्रामीण और पचास प्रतिशत शहरी आबादी को चिह्नित किया गया था। भारत में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सभी के लिए खाद्य सुरक्षा देने का आदेश पारित किया जा चुका है। लेकिन ज़्यादातर राज्यों में इसे लागू ही नहीं किया गया है।