वेस्ट इंडीज़। कैसे हारते हुए मैच में बाज़ी पलटनी है, कोई भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान धोनी से सीखे। वेस्ट इंडीज़ में हो रही तीन देशों की क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच भारत और श्री लंका के बीच 11 जुलाई को खेला गया। भारत की टीम ने रोमांचक प्रदर्शन में सैल्कौन कप जीत लिया।
एक ऐसा मैदान जहां रन बनाना मुश्किल था, वहां श्री लंका के खिलाड़ी संगाकारा ने भारतीय गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा दिए। तीस ओवर बाद लग रहा था कि श्री लंका की टीम ढाई सौ रन आसानी से बना लेगी। लेकिन फिर धोनी ने गेंद रविंद्र जडेजा को पकड़ाई और जडेजा और अश्विन की जोड़ी ने अगले तीस रन में श्री लंका की पूरी टीम को आउट कर दिया। अब भारत को जीतने के लिए सिर्फ दो सौ दो रन बनाने थे।
इस प्रतियोगिता के बाकि मैचों की तरह इस फाइनल में शिखर धवन जल्दी आउट हो गए और धीमी गति से रन बना रही भारत ने तीन विकेट सौ रन बनाने के पहले ही खो दिए। रोहित शर्मा ने बल्लेबाज़ी का अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन अंत में नौ विकेट खोने के बाद धोनी ही टिके हुए थे। आखिरी पांच गेंदों में जब भारत को पंद्रह रन बनाने थे तो धोनी ने लगातार छह, चार, छह मारकर भारत के नाम एक और जीत करली। मैच जिताने के लिए धोनी को मैच के खिलाड़ी का इनाम मिला और प्रतियोगिता में दस विकेट लेने के लिए गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार को प्रतियोगिता का अव्वल खिलाड़ी घोषित किया गया।
भारत की जीत – सबकी ज़ुबान पर धोनी का नाम
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