भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) दर 2016-17 में 7.1 प्रतिशत रही। इसके कारण भारत के हाथों से विश्व की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है। अब चीन सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। जीडीपी दर जनवरी- मार्च में 6.1 प्रतिशत रही। इसके कारण वित वर्ष में वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 7.1 प्रतिशत पर आ गई है।
कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के बाद भी ये दर कम रही। वहीं विनिर्माण और सेवा जैसे क्षेत्र में खराब प्रदर्शन दिखने को मिला। वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ते हुए चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2017 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6.9 प्रतिशत रही। भारत ने पहली बार 2015 में पहली बार 2015 में जीडीपी वृद्धि के मामले में चीन को पछाड़ा था।
जीडीपी के ये आकंड़ा ऐसे समय में आए हैं, जब मोदी सरकार अपने तीन साल शासन करने का जश्न मना रही है। इस गिरवट का सबसे बड़ा कारण नोटबंदी कहा जा रहा हैं, जिसके तहत सरकार ने बाजार से 500 और 1,000 के नोटों को बंद करवा दिया था। हालांकि वित्तमंत्री अरुण जेटली इस गिरवट की वजह वैश्विक आर्थिक मंदी और यूपीए सरकार की गलत नीतियों को बता रहे हैं।